गायत्री मंत्र के चमत्कारिक फायदे

गायत्री मंत्र के चमत्कारिक फायदे

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गायत्री सनातन एवं अनादि मंत्र है। पुराणों में कहा गया है कि ‘‘सृष्टिकर्त्ता ब्रह्मा को आकाशवाणी द्वारा गायत्री मंत्र प्राप्त हुआ था, इसी गायत्री की साधना करके उन्हें सृष्टि निर्माण की शक्ति प्राप्त हुई। गायत्री के चार चरणों की व्याख्या स्वरूप ही ब्रह्माजी ने चार मुखों से चार वेदों का वर्णन किया। गायत्री को वेदमाता कहते हैं। चारों वेद, गायत्री की व्याख्या मात्र हैं।’’ प्राचीन काल में ऋषियों ने बड़ी-बड़ी तपस्यायें और योग्य साधनायें करके अणिमा, महिमा आदि चमत्कारी ऋद्धि -सिद्धियाँ प्राप्त की थीं। उनके शाप और वरदान सफल होते थे तथा वे कितने ही अद्भुत एवं चमत्कारी सामर्थ्यों से भरे पूरे थे, इनका वर्णन इतिहास, पुराणों में भरा पड़ा है। वह तपस्यायें और योग -साधनायें गायत्री के आधार पर ही होती थीं। गायत्री महाविद्या से ही 84 प्रकार की…
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महामृत्युंजय मंत्र के लाभ

महामृत्युंजय मंत्र के लाभ

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जानिए क्या हैं महामृत्युंजय मंत्र के लाभ,प्रभाव और महत्त्व ?? कैसे करे महामृत्युंजय मन्त्र साधना और प्रयोग ?? “महामृत्युंजय मंत्र” भगवान शिव का सबसे बड़ा मंत्र माना जाता है। हिन्दू धर्म में इस मंत्र को प्राण रक्षक और महामोक्ष मंत्र कहा जाता है। मान्यता है कि महामृत्युंजय मंत्र से शिवजी को प्रसन्न करने वाले जातक से मृत्यु भी डरती है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाला जातक निश्चित ही मोक्ष को प्राप्त करता है। यह मंत्र ऋषि मार्कंडेय द्वारा सबसे पहले पाया गया था।भगवान शिव को कालों का काल महाकाल कहा जाता है। मृत्यु अगर निकट आ जाए और आप महाकाल के महामृत्युंजय मंत्र का जप करने लगे तो यमराज की भी हिम्मत नहीं होती है कि वह भगवान शिव के भक्त को अपने साथ ले जाए। इस मंत्र की…
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कालसर्प योग

कालसर्प योग

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कालसर्प एक ऐसा योग है जो जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है। व्यावहारिक रूप से पीड़ित व्यक्ति आर्थिक व शारीरिक रूप से परेशान तो होता ही है, मुख्य रूप से उसे संतान संबंधी कष्ट होता है। या तो उसे संतान होती ही नहीं, या होती है तो वह बहुत ही दुर्बल व रोगी होती है। उसकी रोजी-रोटी का जुगाड़ भी बड़ी मुश्किल से हो पाता है। धनाढय घर में पैदा होने के बावजूद किसी न किसी वजह से उसे अप्रत्याशित रूप से आर्थिक क्षति होती रहती है। तरह तरह के रोग भी उसे परेशान किये रहते हैं। जन्मकुण्डली से खोज जब जन्म कुंडली में सारे ग्रह राहु और केतु के बीच अवस्थित रहते हैं तो उससे…
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